Friday, 5 July 2019

एक वादी है जिसका नाम पार्वती है

एक वादी है जिसका नाम पार्वती है,
दो जहां से परे हैं,
मेरी दुनिया से थोड़ी अलग है,
लम्बे-लम्बे पहाड़ों पर कुछ रंग बिरंगी छते हैं !
यहां गांव की गीली गलियों के हर मोड़ पर,
मिल जाती है एक अनजानी सी मुस्कान,
जो बना देती है मुश्किल रास्तों को थोड़ा आसान !!
दीवाने कई थे मेरी तरह यहां,
कुछ हिमालय के तो कुछ चरस के,
नशे में मैं भी रहा हमेशा,
पर वो नशा इश्क़ था !!!
इश्क़ उन वादियों से,

उस हवा से जिसमें जानी पहचानी खुशबू थी,
उन लोगों से जिनसे मुस्कुराहटों का रिश्ता बन गया था,
उन गांव के टूटे मकानों से जिन में मेरे घर का एहसास था !!!
अब हर याद में है वो पहाड़ जिनसे बातें करता था मैं,
वो रास्ते जिनपर अपने आप को पाया मैंने,
वो कुछ पल की यारियां,
उन मुसाफिरों से जिनसे फिर टकराने की उम्मीद है,
और वो घर जिसको अपना बनाने का ख्वाब है !!!!
जब भी सोचता हूं तो जस्बात उमड़ जाते हैं दिल में,
एक बार फिर गले लगाना चाहता हूं
अपने उस अक्स को जिसको छोड़ आया हूं
उस वादी में कहीं,
वो वादी जिसका नाम है पार्वती!!!

No comments:

Post a Comment