Monday, 31 December 2018

"अलविदा"


हाय! मैं जानता हूं कि हमे मिले अरसा हो गया है, कि हमने इतने दिन बात तक नहीं कि। लेकिन पिछले कुछ दिनों में हमारे बारे में बहुत कुछ सोचा और मैं तुमसे कहना चाहता हूं कि आई मिस यू। ऐसा नहीं है कि जो कुछ हुआ मुझे उस बारे में कोई अफसोस नहीं है या मैं तुमसे दुबारा मिलना चाहता हूं। बस इतना कि आई मिस यू। कितनी अजीब बात है जिस इंसान को इतनी अच्छी तरह से जानता था आज वो एक अजनबी है। कभी-कभी कई दिन गुजर जाते है तुम्हारी याद आए।
अक्सर तुम्हारी यादों को एक गुमनाम अंधेरे में धकेलकर छोड़ आता हूं लेकिन फिर अचानक से कुछ दिख जाता है, चाहे वो तस्वीर जिसको मैंने बनाया था, कोई गिफ्ट, या फिर कभी-2 तुम्हारा यूं आॅनलाइन दिख जाना या फिर वो बेतुके से मैसेज जो एक दूसरे को लिखा करते थे और वो खोई हुई यादे जो सैलाब बनकर टूट पड़ते है मुझ पर। तब जी करता है मैं तुम्हे दुबारा मिलूं, तुम्हे बांहों में जकड़ लूं, पर ये सारे एहसास खोखले है। हम क्यों इतनी आसानी से भूल जाते हैं कि प्यार अक्सर वो नहीं होता जो हम समझते हैं। खैर मुझे अफसोस नहीं हमारी जुदाई की वजह थी जो आज भी बरकरार है। लेकिन शुरूआत में हमारी प्यार की कोई वजह नहीं थी, प्यार बस हो गया। वजाहें तो बाद में आई और तब से जो भी है इन्हीं वजाहों की बदौलत है, हमारी जुदाई का जिसकी कसुरवार तुम थे। अच्छा ही हुआ शायद कोई मुझे ऐसी मिल जाए जिसे कभी अलविदा कहने की जरूरत ही ना पड़े। लेकिन अभी एक खालीपन है, प्यार करने को दिल तरसता है। अब बस ये कहने की कोशिश कर रहा हूं कि तुम भी अच्छी हो कि तुमने वो प्यार पा लिया है जो हमारा प्यार कभी नहीं बन ldk, लेकिन एक अच्छी उम्मीद ये भी करता हूं कि इन वजाहों से पहले वाले रिश्ते को तुम भी याद करती होती, और तुम भी मुझे मिस करती होगी। 
‘‘अलविदा’’

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