थोड़ा थक सा जाता हूं अब मैं....
इसलिए, दूर निकलना छोड़ दिया है,
पर ऐसा भी नहीं है कि अब....
मैंने चलना ही छोड़ दिया है।
फासलें अक्सर रिश्तों में...
अजीब जी दूरियां बढ़ा देते हैं,
पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने...
अपनों से मिलना ही छोड़ दिया है।
हाॅं जरा सा अकेला महसूस करता हूं...
खुद को अपनों की ही भीड़ में,
पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने...
अपनापन ही छोड़ दिया है।
याद तो करता हूं मैं सभी को...
और परवाह भी करता हूं सब की,
पर कितनी करता हूं...
बस बताना छोड़ दिया।।
Nice Rashid keep it up👍
ReplyDeleteThnx alot dear
ReplyDelete