रूह - सुनो कहां गुम हो आजकल
राशिद - यहीं तो हूं
रूह - कहां यहीं हो, इतने दिन हो गये कोई शायरी नहीं सुनाई, कुछ लिखा नहीं क्या
राशिद- मैं लिखता नहीं हूं
रूह - कब से
राशिद - हमेशा से
रूह - तो फिर ये कविताएं जो तुमने लिखी है।
राशिद - तुम इन्हें कविताएं कहती हो, ये कविताएं नहीं होते बाते होती हैं
रूह - बातें
राशिद - हां, बातें जो मैं कागज से करता हूं, वो कुछ कहता नहीं, सिर्फ सुनता है। मगर सबकुछ समझता है।
रूह - तो क्या इतने दिन कागज से कोई बात नही की?
राशिद - की थी ना बस सुनाया नहीं।
रूह - क्यों।
राशिद - पता नहीं, शायद मैं कुछ देर दूर रहना चाहता था। चुप रहना चाहता था, सुनाना नहीं सुनना चाहता था। हां इन सबसे अपने आपसे किया हुआ वादा भूल गया था।
रूह - वादा, कैसा वादा।
राशिद - यही जिंदगी की हर राह पर रूकना नहीं है, याद आया वो वादा जो हम दोनों ने किया था। क्या लगता है?
राशिद - यहीं तो हूं
रूह - कहां यहीं हो, इतने दिन हो गये कोई शायरी नहीं सुनाई, कुछ लिखा नहीं क्या
राशिद- मैं लिखता नहीं हूं
रूह - कब से
राशिद - हमेशा से
रूह - तो फिर ये कविताएं जो तुमने लिखी है।
राशिद - तुम इन्हें कविताएं कहती हो, ये कविताएं नहीं होते बाते होती हैं
रूह - बातें
राशिद - हां, बातें जो मैं कागज से करता हूं, वो कुछ कहता नहीं, सिर्फ सुनता है। मगर सबकुछ समझता है।
रूह - तो क्या इतने दिन कागज से कोई बात नही की?
राशिद - की थी ना बस सुनाया नहीं।
रूह - क्यों।
राशिद - पता नहीं, शायद मैं कुछ देर दूर रहना चाहता था। चुप रहना चाहता था, सुनाना नहीं सुनना चाहता था। हां इन सबसे अपने आपसे किया हुआ वादा भूल गया था।
रूह - वादा, कैसा वादा।
राशिद - यही जिंदगी की हर राह पर रूकना नहीं है, याद आया वो वादा जो हम दोनों ने किया था। क्या लगता है?
Nice line glamorous 👌👌
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